जाने आयुष्मान भारत योजना क्या है? कैसे करवाए मुफ्त इलाज?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 सितंबर, 2018 को ‘आयुष्मान भारत योजना’ का शुभारंभ किया था.
‘दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम’ के तौर पर पेश की जा रही इस योजना को पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर, 2018 से देशभर में लागू कर दिया गया. सरकार का मानना है कि ‘आयुष्मान भारत योजना’ से करीब 10 करोड़ से ज़्यादा परिवारों के 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा जिसमें 29 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के 445 जिलों के लोग भी शामिल होंगें.
क्या है ‘आयुष्मान भारत योजना’?
‘प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के नाम से मशहूर इस योजना का लक्ष्य खासकर निम्न और निम्न मध्यम वर्ग के परिवारों को महंगे मेडिकल बिल से निजात दिलाना है. इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी परिवार की श्रेणियों को रखा गया है. नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गाँवों के 8.03 करोड़ परिवार और शहर के 8.03 करोड़ और शहरों के 2.33 करोड़ परिवारों को शामिल किया गया है. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना के अंतर्गत हर परिवार को सालाना 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कराया जाएगा, जिससे वे सरकारी या निजी अस्पताल में कैशलेस इलाज करा सकेंगे. अनुमान के मुताबिक देश के करीब 10 हजार अस्पतालों में ढाई लाख से ज़्यादा बेड गरीबों के लिए रिज़र्व हो जाएंगे. ख़ास बात यह भी है कि साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा लांच ‘राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना’ को भी ‘आयुष्मान भारत योजना’ में शामिल कर लिया गया है.
किसे मिलेगा योजना का फ़ायदा?
सरकार की इस योजना में महिलाओं, बच्चो, और बुजुर्गों को खास तौर पर शामिल किया गया है.परिवार के सदस्यों की संख्या और उम्र का भी कोई सीमा नहीं है. इस योजना का फायदा लेने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है लेकिन इसे एक विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है,
आयुष्मान भारत योजना के दिशानिर्देशों में स्पष्ट लिखा है कि आवेदन के दौरान किसी भी तरह का पहचान पत्र मान्य होगा।
क्या होनी चाहिए योग्यता?
आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) के तहत 5 लाख के स्वास्थ्य बीमा का लाभ लेने के लिए सरकार ने ग्रामीण और शहरी, दोनों स्तर पर लाभार्थियों के लिए योग्यताएं निर्धारित की हैं. सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से ग्रामीण इलाके में रहने वाले लोगों के लिए योग्यता का निर्धारण गरीब और वंचित होने के स्तर पर है, तो वहीं शहरी इलाके में रहने वाले लोगों के योग्यता का निर्धारण उनके पेशे के स्तर पर किया गया है.
ग्रामीण इलाके के लिए योग्यता इस प्रकार हैं:
- जिस परिवार का ग्रामीण इलाके में कच्चा मकान हो.
- परिवार में महिला मुखिया हो, जोकि गृहणी हो.
- परिवार में कोई ऐसा व्यस्क न हों जो घर का भरण-पोषण कर सके.
- परिवार अनुसूचित जाति/जनजाति से हों.
- भूमिहीन व्यक्ति/दिहाड़ी मजदूर हों या परिवार में कोई दिव्यांग हो.
- इसके अलावा ग्रामीण इलाके के बेघर व्यक्ति,
- निराश्रित, दान या भीख मांगने वाले
- आदिवासी और क़ानूनी रूप से मुक्त बंधुआ मज़दूर वगैरह.
शहरी इलाके के लिए योग्यता इस प्रकार हैं:
- भिखारी, कूड़ा बीनने वाले या घरेलू कामकाज करने वाले,
- रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदार, मोची, फेरी वाले या सड़क पर कामकाज करने वाले.
- कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले मजदूर, प्लंबर, राजमिस्त्री, मजदूर,
- पेंटर, वेल्डर, सिक्योरिटी गार्ड, कुली और भार ढोने वाले अन्य कामकाजी व्यक्ति
- स्वीपर, सफाई कर्मी, घरेलू काम करने वाले, हेंडीक्राफ्ट का काम करने वाले लोग,
- टेलर, ड्राईवर, रिक्शा चालक, दुकान पर काम करने वाले वगैरह.
कैसे करवाएं मुफ़्त इलाज़?
‘आयुष्मान भारत योजना’ के तहत अगर आप इलाज़ करना चाहते है तो यह बहुत आसान है.
आपको योजना में शामिल अस्पताल के ‘आयुष्मान मित्र’ या ‘आयुष्मान मित्र हेल्प डेस्क’ से संपर्क करना होगा. वहां आपको पहचान पत्र जैसे दस्तावेज दिखाने होंगे. इसके लिए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड की जरूरत पड़ेगी. आपसे अस्पताल में एडमिट होने के लिए कोई चार्ज नहीं लिया जाएगा. अस्पताल में दाखिल होने से लेकर इलाज़ तक का सारा खर्च इस योजना में कवर किया जाएगा. इसमें अस्पताल में दाखिल होने से पहले और बाद के खर्च भी शामिल किये जाएंगे. केंद्र और राज्य सरकार के सरकारी अस्पताल के साथ-साथ पैनल में शामिल हर निजी अस्पताल में ‘आयुष्मान मित्र’, मरीज को योजना के तहत अस्पताल से मिलने वाली सभी सुविधाएं दिलाने में मदद करेगा. इस योजना में शामिल व्यक्ति देश के किसी भी सरकारी या पैनल मे शामिल निजी अस्पताल में इलाज़ करा सकेगा.
किन बीमारियों का करा सकते हैं इलाज़?
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत तकरीबन हर बीमारी के लिए चिकित्सा और अस्पताल में दाखिल होने का खर्च कवर है. इस योजना में शामिल करीब दस हजार अस्पतालों में 13 सौ से ज़्यादा बीमारियों और इससे संबंधित पैकेज को इलाज में शामिल किया गया है. जिसमें कैंसर की सर्जरी, हार्ट की बाइपास सर्जरी, ऑपरेशन, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसी तमाम चीज़ें शामिल हैं.
किन अस्पतालों में करवाएं इलाज़?
‘आयुष्मान भारत योजना’ के लाभार्थी सभी सरकारी अस्पताल में इलाज करा सकते हैं. साथ ही,
सरकार के पैनल में शमिल निजी अस्पताल में भी इलाज कराया जा सकेगा.
आप योजना में शामिल हैं या नहीं, कैसे करें पता?
आयुष्मान भारत की वेबसाइट https://mera.pmjay.gov.in पर विजिट करें.
अपना मोबाइल नंबर डालने का एक ऑप्शन होगा, वहां अपना मोबाइल नंबर डालें. ऐसा करने से आपके नंबर पर एक ओटीपी आएगा. इस ओटीपी को वेबसाइट पर डालें. वेरीफाई करने के बाद एक पेज खुलेगा. आप यहाँ देख सकते हैं कि योजना में शामिल हैं या नहीं.
अगर वेबसाइट पर नाम न मिले तो क्या करें?
आयुष्मान भारत वेबसाइट पर SICC (सोशल इकोनॉमिक कास्ट सेंसस) का लिंक है. इस लिंक पर जाकर अपना नाम, पता, पिता का नाम और राज्य आदि जैसे ब्योरे डालें. इसके बाद डिटेल खुल जाएगी. अगर यहाँ पर भी नाम न मिले तो अपने आसपास मौजूद आयुष्मान मित्र से संपर्क करें या हेल्पलाइन नंबर 14555 पर भी कॉल करके भी योजना से जुड़ी जानकारी, सलाह या सुझाव ले सकते है.
नोट: दिल्ली, केरल, ओडिशा, पंजाब और तेलंगाना राज्य की सरकारों ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ को लागू नहीं किया है. इसलिए, इन राज्यों में इस योजना के तहत मिलने वाले स्वास्थ्य बीमा का फ़ायदा नहीं उठाया जा सकता है.